मोहम्मद अहमद काज़मी द्वारा "आप के रबरू" कार्यक्रम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) के प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन पर प्रसिद्ध वकील महमूद प्राचा का एक विशेष इंटरव्यू किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश पर शासन करने में अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए यह एक और आरएसएस-भाजपा की साजिश है। उन्होंने कहा कि एनआरसी अभ्यास शुरू होने से पहले दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों के लोगों को अपने दस्तावेजों को सही करवाना शुरू कर देना चाहिए। प्राचा ने कहा कि यह देश के 80 प्रतिशत लोगों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक दमन की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कानून के तहत आवश्यक दस्तावेजों, कानूनी प्रावधानों और भारतीय नागरिक होने की शर्तों के बारे में विस्तार से बताया।
“Aap Ke Roobaroo” by Mohammad Ahmad Kazmi carries an exclusive interview of renowned lawyer Mehmood Pracha on the proposed nationwide implementation of National Register of Citizens (NRC). He clarified that it was another RSS-BJP conspiracy to divert attention from its failures in governing the country. He said that people from Dalit, Other Backward Classes (OBC) and Minorities should start getting their documents corrected, if required, before the NRC exercise is launched. He said that this is part of psychological suppression conspiracy against 80 percent people of the country. He described about the required documents, the legal provisions and the conditions of being Indian nation under the law in detail.
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